मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के मंगलवार (2 मई) को पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की घोषणा करने के बाद से NCP में सियासी घमासान मचा हुआ है। NCP नेता जितेंद्र आव्हाड सहित कई नेताओं ने भी पवार के इस फैसले के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। शरद पवार के इस्तीफे का NCP कार्यकर्ता पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
दरअसल, NCP कार्यकर्ताओं कि तरफ से शरद पवार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की भी मांग की जा रही है। NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, 'मैंने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और मैंने अपना इस्तीफा NCP चीफ शरद पवार को भेज दिया है। पवार साहब के ऐलान (पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के लिए) के बाद ठाणे NCP के सभी पदाधिकारियों ने भी त्यागपत्र दे दिया है।'
बता दें कि, शरद पवार के एक समर्थक ने उन्हें खून से पत्र लिखते हुए अध्यक्ष पद पर बने रहने को कहा है। कुछ कार्यकर्ता धरने पर भी बैठ गए हैं। वहीं, मंगलवार को NCP की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण पवार के ऐलान के बाद रो पड़े। पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर शरद पवार से उनका फैसला वापस लेने का अनुरोध किया है।
रामनवमी और हनुमान जयंती पर जीतेन्द्र अव्हाड ने दिया था विवादित बयान :-
बता दें कि, NCP नेता जितेंद्र अव्हाड ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को मुंबई में कहा था कि लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे त्योहार केवल दंगा भड़काने के लिए ही हैं। अव्हाड ने कहा कि आने वाले वर्ष धार्मिक दंगों वाले वर्ष होंगे। उन्होंने कहा कि दंगों के चलते शहरों का माहौल काफी जहरीला हो गया है। बता दें कि जितेंद्र आव्हाड के विवादित बयानों के कारण एक बार महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग उनके खिलाफ नोटिस भी जारी कर चुका है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि, औरंगज़ेब हिन्दू विरोधी नहीं था और उसने मंदिर नहीं तोड़े।
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