केंद्रीय सरकार ने बजट 2021-22 में स्टार्टअप्स के लिए निधि कोष के लिए 830 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि लगभग 430 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2020-21 में संशोधित अनुमान से 2021-22 के लिए स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के लिए आवंटन को मामूली बढ़ाकर 20.83 करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्टार्टअप इंडिया पहल का उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और नवोन्मेषी उद्यमियों के विकास के लिए अनुकूल एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर नवाचार को बढ़ावा देना है। दूसरी ओर, सरकार ने क्रेडिट गारंटी फंड के लिए 300 करोड़ रुपये रखे हैं।
सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप्स (एफएफएस) के लिए फंड की स्थापना की है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एफएफएस के लिए परिचालन एजेंसी है। बजट 2020-21 में धनराशि का आवंटन 1,054.97 कोर था, लेकिन इसे संशोधित कर 429.99 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग के लिए संचयी आवंटन 2021-22 के लिए 7,782.24 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि 2020-21 में संशोधित अनुमान 7,583.06 करोड़ रुपये है। इसी तरह, वाणिज्य विभाग के लिए संचयी आवंटन को भी बढ़ाकर 2021-22 के लिए 4,986 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि 2020-21 में 4,600 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिए कुल आवंटन, जैसे कि मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव एंड इंटरेस्ट इक्वलाइज़ेशन स्कीम, को 2021-22 के लिए 2,365 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जबकि 2020-21 में संशोधित अनुमान 2,175 करोड़ रुपये था।
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