चैत्र नवरात्रि का महापर्व चल रहा है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां गौरी एवं कन्या पूजन का खास महत्व बताया गया है. इस बार महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी. नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन हवन आदि करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है. ऐसे में वास्तु के अनुसार कुछ उपाय अपनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है...
महा अष्टमी पर अपनाएं ये वास्तु टिप्स:
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
प्रवेश द्वार:
सुबह जल्दी उठकर घर के मुख्य द्वार को गंगाजल से धोएं।
द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं।
द्वार पर तोरण लगाएं।
दीप प्रज्वलित करें।
पूजा घर:
मां दुर्गा की प्रतिमा को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें।
प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।
फल, फूल, और मिठाई का भोग लगाएं।
रसोई:
रसोई को साफ और स्वच्छ रखें।
गैस स्टोव और सिंक को एक दूसरे के विपरीत दिशा में रखें।
खाना बनाते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
शयनकक्ष:
शयनकक्ष में पलंग को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।
शीशे को बिस्तर के सामने न रखें।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शयनकक्ष से दूर रखें।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए:
घर में कबाड़ या टूटी-फूटी वस्तुएं न रखें।
घर में झाड़ू या पोछा छिपाकर न रखें।
घर में नकारात्मक विचारों को न आने दें।
कुछ अन्य वास्तु टिप्स:
घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
घर में क्रिस्टल कछुआ रखें।
घर में पितृ तर्पण करें।
गाय को हरा चारा खिलाएं।
महा अष्टमी के दिन किए गए वास्तु उपायों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
यह भी ध्यान रखें कि वास्तु शास्त्र एक जटिल विषय है। यदि आपको कोई गंभीर समस्या है, तो किसी योग्य वास्तु शास्त्री से सलाह लें।
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