वर्ष में 2 बार वट सावित्री व्रत रखा जाता है, पहला ज्येष्ठ अमावस्या एवं दूसरा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन. दोनों व्रत में पूजा-पाठ करने का विधान, कथा, नियम एवं महत्व एक जैसे ही होते हैं. इस दिन सुर्योदय से सुहागिनें पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा करती है. इस वर्ष वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 3 जून 2023 को है. अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत बहुत अहम माना गया है. वही ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय अपनाने से सभी कष्ट दूर हो जाते है...
ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय:-
* एक लोटा जल में कच्चा दूध एवं मीठा डालकर पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं. इससे रुका हुआ पैसा वापस आने लगता है तथा बिजनेस में भी फायदा होता है.
* यदि शादीशुदा जीवन सही नहीं चल रहा तो पति-पत्नी दोनों मिलकर चंद्रमा को दूध चढ़ाएं. इस उपाय से सब ठीक होने लगेगा एवं जीवन सुखमय हो जाएगा.
* यदि कुएं में चम्मच से दूध जाला जाए तो किस्मत चमकने लगती है. कामकाज के बीच आ रही अड़चन भी दूर होने लगती है.
* माता लक्ष्मी को 11 कौड़ियां चढ़ाएं एवं उनको हल्दी का टीका लगाएं. अगले दिन उन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर पैसे वाली जगह पर रखने से पैसे का संकट दूर होने लगता है.
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