इन दिनों व्यस्त जीवनशैली एवं खराब खान पान की वजह से शादीशुदा कपल्स बेबी कंसीव ना कर पाने के कारण परेशान हैं। कंसीव ना कर पाने को इंफर्टिलिटी की परेशानी से जोड़ा जाता है। जिसके लिए कई कपल्स ट्रीटमेंट लेते हैं। हालांकि, ट्रीटमेंट के चलते भी कुछ गलतियों की वजह से प्रेग्नेंसी नहीं होती। यदि आप कंसीव करने के लिए ट्रीटमेंट ले रही हैं तो आपको खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए। यहां जानिए कंसीव करने के चलते किन चीजों को खाने से बचना चाहिए।
कंसीव करने पर खाने की इन चीजों को करें अवॉइड:-
1) कैफीन-
अधिक कैफीन का सेवन कंसीव करने का प्रयास कर रही महिलाओं में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। यह गर्भपात की संभावना को बढ़ाता है तथा बच्चे में विकलांगता को जन्म दे सकता है।
2) अनानास-
अनानास के सेवन से गर्भाशय में संकुचन होता है तथा गर्भपात भी हो सकता है। इसमें ब्रोमेलैन नामक एक एंजाइम होता है, जो गर्भाशय ग्रीवा की मांसपेशियों को सिकोड़ सकता है तथा गर्भाशय ग्रीवा को नरम कर सकता है।
3) तिल के बीज:-
आरभिंक दिनों में तिल का उपयोग गर्भपात की एक विधि के रूप में किया जाता था। ये बीज गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित करते हैं, जिसके कारण अंडा गर्भाश्य में नहीं रुकता।
4) मेथी के बीज-
मेथी के बीज पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए अच्छे होते हैं, ये पानी के स्तर को कम करने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, गर्भावस्था के लिए ये अच्छे नहीं होते हैं क्योंकि यह पोषण देने और बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए जिम्मेदार एमनियोटिक द्रव की एकाग्रता को बदल सकता है।
5) हरा पपीता:-
यदि कंसीव करना चाहती हैं तो कच्चा या हरा पपीता खाने से बचना चाहिए। यह गर्भाशय की दीवारों को सिकोड़ता है तथा पैपेन नामक रासायनिक पदार्थ की उपस्थिति की वजह से अंडे को बाहर निकालता है।
6) इमली-
इमली को तीखे स्वाद को बहुत पसंद किया जाता है। यह भारतीय खाने में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली चीज में से एक है। गर्भवती महिलाओं को इमली का स्वाद पसंद होता है, हालांकि, गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के समय इसको खाना सही नहीं होता है। अधिक मात्रा में लेने पर, इमली में मौजूद विटामिन सी का स्तर महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को कम कर सकता है। इससे वक़्त से पहले जन्म, गर्भपात आदि दिक्कतें हो सकती हैं।
7) खजूर-
खजूर विटामिन एवं दूसरे पोषक तत्वों का स्त्रोत है। हालांकि, यह शरीर की गर्मी को बढ़ाता है तथा गर्भाशय के संकुचन की वजह बन सकता है, जिसके कारण गर्भपात हो सकता है।
ये लक्षण बढ़ा सकते है खतरा, ना करें अनदेखा