गरुड़ पुराण की बात करें तो उसमे बहुत सी बातें बताई गई है. जी हाँ, यह वेद व्यास जी द्वारा रचित और 18 पुराणों में से एक है और इनमे 279 अध्याय और 1800 श्लोक है. आपको बता दें कि इस ग्रन्थ का अध्ययन सभी को करना चाहिए क्योंकि इसमें मृत्यु के बाद की घटनाओ, यम लोक, प्रेत लोक, और पूरी 84 लाख योनीयो के के बारे में बताया गया है और इसी के साथ इसमें आप कई मानव रुपी जीवन में उपयोगी बातों का ज्ञान ले सकते है. आज हम आपको गरुड़ पुराण के अनुसार किनके यहाँ भोजन नहीं करना चाहिए यह बताने जा रहे हैं.
1. आप सभी को बता दें कि गरुड़ पुराण के अनुसार चरित्रहीन स्त्री के हाथ से बना हुआ भोजन हमें कभी नहीं करना यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक व्यव्हार करती है. इसी के साथ गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वो भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है. तो हमें एसी स्त्री के घर पर भोजन नहीं करना चाहिए.
2. कहते हैं गरुड़ पुराण में लिखा है हमें चोर के घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए जो की अपराधी सिद्ध हो गया हो तो हमें उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए.
3. गरुड़ पुराण के अनुसार हमें किन्नरों के घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए, गरुड़ पूरण के अनुसर ऐसा माना जाता है कि इसको दान देने पर हमें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए.
4. कहा जाता है गरुड़ पुराण में लिखा है अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, या कोई व्यक्ति छूत के रोग का मरीज है तो उसके घर भी हमें भोजन नहीं करना चाहिए.
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