कतर FIFA वर्ल्ड कप अपने आप में खास रहा। मोरक्को, जापान, साऊदी अरब जैसी टीमों बड़े ऊलटफेर भी कर चुके है। स्पेन, बैल्जियम, पुर्तगाल, इंगलैंड जैसी स्थापित टीमें कप की रेस से बाहर हो चुकी है। वर्ल्ड कप के दौरान टीमों द्वारा इस्तेमाल की जा रही टेक्नोलॉजी की भी अब चर्चा होने लगी हैं। इसी पर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में यूरोपीय राजनीति बढ़ाने वाले क्रिस्टोफर जे एंडरसन ने शोध भी कर दिया है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बोला है कि FIFA विश्व कप आगे जाकर और भी अप्रत्याशित नतीजे लाएगा।
फुटबॉल पर आपके शोध का मूल क्या है?: मैं देखता हूं कि टीमें कैसे खेल जीत सकती हैं और कौन से कारक जीत को प्रभावित करते हैं या खराब प्रदर्शन करते है। खेल के मैदान पर जो कुछ भी होता है वह अब रिकॉर्ड भी किया जाता है। इसमें खिलाड़ी द्वारा किए जाने वाले सभी मूवमेंट शामिल होते हैं- जैसे दौडऩा, मुडऩा, गेंद के चारों ओर की हर गतिविधि, कौन क्या करता है, कैसे करता है, यह सब रिकॉर्ड किया जाता है। हम इस डेटा को एकत्र करते हैं और उसका विश्लेषण भी कर रहे है।
आपकी किताब ‘द नंबर्स गेम’ अब हमें फुटबॉल के बारे में क्या बताती है?: फुटबॉल नया खेल बन चुका है। अब पहले से कम गोल हो रहे हैं। 40 साल पहले ऐसा नहीं था। हम कई खेलों को पेनल्टी शूट-आऊट में देख रहे हैं। ऐसे में एकमात्र गोल भी बहुत ही ज्यादा अहम् है।
आम घरों से उठाकर स्टार बन गए ये दो प्लेयर
क्रोएशिया ने मोरक्को को दी करारी मात
भारत ने जीता T20 वर्ल्ड कप, नेत्रहीन टीम इंडिया ने बांग्लादेश को 120 रनों से रौंदा