जयपुर: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रविवार प्रातः पहली बार बागी विधायकों के नाराज होने के कारण खुलकर सामने रखी। इसके साथ ही उन्होंने पायलट गुट पर भी हमला बोला। एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के पश्चात् जब गहलोत से पूछा गया कि क्या सब ठीक है तो उन्होंने कहा- 'कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। इसका मुझे भी दुख है कि प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया। इसलिए मैंने माफी भी मांगी, मगर ये हालात क्यों आए?'
आगे गहलोत ने कहा- 'जब मैंने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को विधायकों को समझाने के लिए भेजा था तो वे (बागी विधायक) इस बात से बहुत दुखी थे कि मैंने उनसे 2020 में वादा किया था कि मैं आपका अभिभावक बनूंगा। MLA इस बात से खफा थे कि राजस्थान में अकेले रहने से उनका क्या होगा? विधायक दल का नेता होने के नाते जो हुआ, उसकी मैं जिम्मेदारी लेता हूं।' बता दे कि 2020 में तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी तथा सीएम गहलोत से नाराज होकर मानेसर (हरियाणा) चले गए थे। बाद में आलाकमान के दखल देने के पश्चात् पायलट की वापसी हुई थी। इस के चलते गहलोत ने पार्टी में बड़ी टूट होने से भी बचा लिया था।
मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को कहा- 'विधायकों ने सोचा कि दूसरों को स्वीकार करने की जगह बगावत करना बेहतर है। उन्होंने गहलोत कैंप की ओर संकेत किया तथा कहा- 'सभी जानते हैं कि कुछ विधायक अमित शाह, जफर इस्लाम तथा धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठे थे। सभी जानते हैं कि बीजेपी सरकार गिराने का प्रयास कर रही थी। वे सरकार को 5 वर्ष पूरे नहीं करने देना चाहते हैं।'
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