नई दिल्ली: भारत को पहली बार UNESCO की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसका आयोजन 21 से 31 जुलाई को नई दिल्ली में होने वाला है। UNSECO में भारत के स्थाई प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने इस बारे में जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि, यह बैठक साल में एक बार ही आयोजित होती है। यह समिति विश्व धरोहर को संरक्षण और मान्यता प्रदान करने के लिए काम करती है। इसकी अध्यक्षता करना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण मौका है।
UNESCO में कुल 193 सदस्य देश हैं, वहीं 11 सहयोगी सदस्य हैं। UNESCO का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था, जिसका हेडक्वार्टर फ्रांस के पेरिस में है। इसके अलावा पूरे विश्व में इसके 53 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। दुनियाभर में UNESCO के संरक्षण में 40 अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं। दुनिया की कई पुरानी धरोहरों और विरासतों के संरक्षण का कार्य भी UNESCO के द्वारा किया जाता है। यही नहीं पूरे विश्व के 332 अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठनों के साथ UNESCO के संबंध हैं।
UNESCO का पहला सम्मेलन 10 नवंबर 1946 को आयोजित किया गया था, जिसमे लगभग 30 देशों ने हिस्सा लिया था। भारत आजादी के बाद से ही इसका मेंबर हैं, लेकिन आज तक देश को UNESCO की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करने का मौका नहीं मिला था। अब पहली बार भारत ये भूमिका निभाने जा रहा है, जो देश में मौजूद सांस्कृतिक विरासतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। भारत के बाद 1951 में जापान और 1953 में पश्चिम जर्मनी और स्पेन, 1954 में सोवियत संघ भी UNESCO में शामिल हुए थे।
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