नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के द्वितीय चरण (PSP-वी2.0) के लिये टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर दस्तखत किए हैं, जिसमें डेटा सुरक्षा और ग्राहकों के अनुभवों को अगले स्तर तक ले जाने का प्रावधान है. विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, वह हर ऐसे लोकसभा क्षेत्र में एक पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए कार्य कर रहा है, जहां पहले से कोई ‘पासपोर्ट सेवा केंद्र’ या ‘डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र’ मौजूद नहीं है.
बताया गया है कि सरकार पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के तहत बायोमेट्रिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत डेटा एनालिटिक्स एवं स्वत: प्रतिक्रिया का इस्तेमाल करते हुए प्रौद्योगिकी उन्नय की योजना पर कार्य करेगी. उल्लेखनीय है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड 10 वर्षों से ज्यादा समय से पासपोर्ट सेवा परियोजना में सेवा प्रदाता के तौर पर जुड़ी हुई है. पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के सेकंड फेज (PSP-वी2.0) को (PSP-वी1.0) से आगे बढ़ाया जायेगा, जो ई गवर्नेंस उपकरण के तौर पर उपभोक्ताओं को पासपोर्ट से संबंधित सेवाएं पहुंचाने की मंत्रालय की पहल है.
मंत्रालय के मुताबिक, इसके परियोजना डिजाइन में यह सुनिश्चित किया गया है कि इसके माध्यम से सेवा प्रदाताओं द्वारा नागरिक सम्पर्क, प्रौद्योगिकी आधार, कॉल सेंटर, प्रशिक्षण एवं प्रबंधन बदलाव जैसे कार्यो को सहयोग दिया जाए. सरकार पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में सभी सम्प्रभु और सुरक्षा से संबंधित कार्य करना जारी रखेगी.
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