देश को शक्ति प्रदान करने के लिए युवाओं को तैयार करने के लक्ष्य से महात्मा गांधी द्वारा 1920 में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की गई थी. जो विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा दे रहा है बल्कि विभिन्न देशों से आने वाले छात्रों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से अवगत करा रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 1963 से ही डीम्ड विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की शिक्षा देने के अलावा विशेष रूप से विदेशों से आने वाले छात्रों के लिए गांधी की अहिंसा पर अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम नाम से चार महीने का डिप्लोमा भी देता है. इसका लक्ष्य है कि विभिन्न देशों से आने वाले छात्र उनके विचारों और सिद्धांतों को सीखें और अपने देश लौटकर उनका जीवन में अनुकरण करें.
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गांधी अध्ययन संकाय के प्रेम आनंद मिश्र का कहना है कि इस पाठ्यक्रम ने अमेरिका, मेक्सिको, फ्रांस, अर्जेंटिना, ब्राजील, घाना, दक्षिण सूडान और इंडोनेशिया से आने वाले कई छात्रों का दृष्टिकोण बदला है. विद्यापीठ ने 2011 में यह डिप्लोमा शुरू किया था.पाठ्यक्रम के समन्वयक मिश्रा का कहना है, चार महीने के इस पाठ्यक्रम का लक्ष्य छात्रों को अहिंसा के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं का पाठ पढ़ाना है जिन्हें गांधी ने अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में लागू किया. अभी तक 15-16 देशों के करीब 70 छात्र इस पाठ्यक्रम को पढ़ चुके है.
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