नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात से संबंधित 34 विदेशी नागरिकों की अपने देश वापस लौटने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यह मामले दिल्ली की साकेत कोर्ट में हैं और इस याचिका पर सुनवाई कर निपटारा किया जा सकता है.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यदि सभी विदेशी जमाती अदालत में अपनी गलती मानते हुए माफी मांग लेते हैं तो जुर्माना भरकर यह लोग अपने-अपने देश वापस जा सकते हैं. सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा है कि अब तक कुल 34 आरोपियों में से 10 लोगों ने ट्रायल कोर्ट में प्ली बारगेनिंग (Plea Bargain) दायर की है. जबकि अन्य 24 आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट में केस लड़ने की बात कही है. उल्लेखनीय है कि प्ली बारगेनिंग के अंतर्गत आरोपी शिकायकर्ता से समझौता करके अपने जुर्म को अदालत के सामने स्वीकार करता है और सजा की मांग करता है.
हालांकि इस मामले में अदालत ने अभी तक सजा के तौर पर केवल जुर्माना भरने की ही आदेश दिए हैं, किन्तु इसके बाद भी आरोपी अपना जुर्म नहीं कबूल रहे हैं. वहीं मुकदमा लड़ने के आरोपियों के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय ने ये सवाल किया है कि क्या इन सभी आरोपियों का ट्रायल 2 सप्ताह में पूरा हो सकता है?
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