बारामती: कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मांग अब भी जारी है। इस समय किसान लगातार आंदोलन कर रहे है। अब इसी बीच एनसीपी सुप्रीमो और पूर्व कृषी मंत्री शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। हाल ही में शरद पवार ने कहा है कि, 'जब वे देश के कृषि मंत्री थे तो उन्होंने पंजाब और हरियाणा के किसानों से कहा था कि वे गेहूं के उत्पादन को कम करें और वैकल्पिक फसलों के उत्पादन पर ध्यान दें।' जी दरअसल हाल ही में शरद पवार ने एक बयान दिया है।
इस बयान में शरद पवार ने कहा, 'पंजाब और हरियाणा मे गेहूं और चावल के विशाल उत्पादन ने इसकी बिक्री को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली-एनसीआर में किसानों के आंदोलन का यही मुख्य कारण है।' इसके अलावा पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि, 'गेहूं और चावल की कीमतों के मुद्दे आंदोलन हो रहा है।' यह सभी बातें उन्होंने महाराष्ट्र के बारामती में कृषि पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि, 'जब मैं देश का कृषि मंत्री था तो मैंने पंजाब और हरियाणा के किसानों से कहा था कि वे गेहूं के उत्पादन को कम करें। पवार ने कहा कि मैंने वहां के किसानों को सलाह दी थी कि वे फलों के उत्पादन पर ध्यान दें और दूसरे खाद्यान्नों का उत्पादन शुरू करें, पर किसानों ने मेरी बात नहीं मानी। मुझे इस बात का खेद है कि किसानों ने उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया।'
इसके अलावा पूर्व कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि, 'अब चावल और गेहूं की कीमतें और इसकी बिक्री ही समस्या बन गई है और इसी की वजह से किसान आंदोलन भी कर रहे हैं।' आप सभी को याद हो तो कुछ ही दिन पहले शरद पवार ने किसानों का समर्थन करते हुए किसानों की मांगें न मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
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