नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों को समझाने में लगी है कि ये कृषि कानून उसके हित में हैं. किन्तु अब शायद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य चौधरी बीरेंद्र सिंह के हाल के एक बयान ने सियासी हलकों में यह कहकर हलचल पैदा कर दी थी कि उनके लिए पार्टी और सियासत से बढ़कर किसानों का हित है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों का नेतृत्व करने के लिए तैयार था. माना जा रहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री किसानों के प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह ने हाल ही में कैथल में कहा था कि, "यदि किसान मुझसे संपर्क करते, तो मैं किसानों का नेतृत्व करने के लिए तैयार था.
उन्होंने आगे कहा कि कृषि कानूनों के संबंध में किसानों की शंकाओं को दूर करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि किसानों को लगता है कि कानून उनके लिए नुकसानदायक हैं." बता दें कि बीरेंद्र सिंह के शुक्रवार को हरियाणा के सांपला में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित होने वाले एक दिन के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की संभावना है.
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