जयपुर: धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे पूर्व कांग्रेस नेता गिर्राज सिंह मलिंगा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बिजली विभाग के एईएन और जेईएन के साथ मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया है। यह मामला 28 मार्च 2022 का है, जब मलिंगा कांग्रेस के विधायक थे और राज्य के भी अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की ही सरकार थी, ऐसे में उनके पास दोगुनी पावर थी।
मलिंगा बाड़ी क्षेत्र में जनसुनवाई के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायतें सुनने के बाद एईएन और जेईएन के दफ्तर पहुंचे थे। वहां बहस के दौरान झड़प हुई और गंभीर मारपीट हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एईएन हर्षाधिपति को गंभीर चोटें आईं, जिनमें 22 फ्रैक्चर शामिल थे, और उन्हें कई महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।
मारपीट के बाद मलिंगा ने 11 मई 2022 को सरेंडर किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने 17 मई को उन्हें जमानत दे दी थी। इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने याचिका दायर की थी, और हाईकोर्ट ने मलिंगा की जमानत रद्द कर दी, साथ ही उन्हें 30 दिनों में सरेंडर करने का आदेश दिया। हालांकि, मलिंगा ने अब तक सरेंडर नहीं किया। इस मामले में हत्या के प्रयास की धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
गिर्राज सिंह मलिंगा ने 2023 चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने पर भाजपा जॉइन की थी और बाड़ी से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे कांग्रेस के जसवंत सिंह गुर्जर से 27,424 मतों से हार गए।
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