नईदिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की दावेदार शीला दीक्षित अपने चुनावी अभियान से दूर हो सकती हैं। माना जा रहा है कि सहारा की डायरी में कांग्रेस नेताओं में शीला दीक्षित का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस द्वारा इस का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस पार्टी में इस तरह का निर्णय हुआ है या नहीं मगर यह जरूर साफ है कि शीला दीक्षित से राज्य में चुनाव को लेकर सलाह मशविरा नहीं किया गया था।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद का दावेदार होने के बाद वे चुनावी अभियान में भागीदारी नहीं कर रही हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बहराइच रैली में भी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित शामिल नहीं थीं। यह आरोप लगाए गए कि उन्हें सहारा की डायरी को गलत ठहराए जाने की आवश्यकता है। ऐसा करने पर पार्टी के उपाध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध जो दावा किया गया वह साबित हो जाएगा।
पार्टी का साथ न मिलने के कारण वे नाराज हैं। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सहारा डायरी से जुड़ी तस्वीर जारी की। इस फोटो में दर्शाया गया था कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी द्वारा करीब 40 करोड़ रूपए की रिश्वत ली थी।
राहुल ने अपने एक भाषण में आरोप लगाए थे कि सहारा की डायरी में उल्लेख है कि नरेंद्र मोदी जी को रूपए दिए गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने डायरी में लिखे जिन नामों की सूची जारी की थी उनमें शीला दीक्षित का नाम भी शामिल था। जिससे कांग्रेस की परेशानियां बढ़ गई थीं।
सहारा की डायरी में कांग्रेस के नेताओं के भी हैं नाम, लिए 10 लाख रूपए
सोनिया की मौजूदगी में 'द अनसीन इंदिरा गांधी' का विमोचन