जम्मू: द कश्मीर फाइल्स फिल्म की देश भर में हो रही चर्चा के मध्य जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने होश उड़ा देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि आज भी इस देश में कई लोग ऐसे है जिन्हे कश्मीर का सच अब तक पता ही नहीं है। वैद ने इस बारें में बोला है कि कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की ISI द्वारा प्रशिक्षित 70 आतंकियों के पहले ग्रुप को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। वहीं इस बात का किसी को पता नहीं था। उस वक्त राजनीतिक दबाव के चलते इन आतंकियों को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया था। बाद में इन्हीं आतंकियों में से कई कश्मीर में आतंकी तंजीमों के सरगना बन गए।
वैद ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस दावे के साथ कुछ आतंकियों के नाम भी सार्वजनिक कर दिए है। वैद ने ट्वीट में मोहम्मद अफजल शेख, रफीक अहमद अहंगर, मोहम्मद अयूब नाजर, फारूक अहमद गनेई, गुलाम मोहम्मद गुजरी, फारूक अहमद मलिक, नजीर अहमद शेख और गुलाम मोहीउदीन का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
अपनी बात को जारी रखते हुए वैद ने यह भी लिखा है कि क्या यह सब 1989 में रही गवर्नमेंट की सूचना के बिना संभव था। गौरतलब है कि 1989 में कश्मीर के बडगाम में वैद SP के पद पर तैनात हुए थे। जिसके उपरांत 1990 में वह इसी जिले में बतौर SSP तैनात कर दिए गए। वैद ने कश्मीर में रहते हुए आतंकवाद के उस दौर को भी बहुत ही पास से देखा। अपनी बात को आगे बढ़ते हुए वैद ने कहा कि आतंकी बिट्टा कराटे ने पुलिस की पूछताछ में 20 के तकरीबन लोगों के क़त्ल की बात को कबूला था, लेकिन पुलिस के सामने यह किया गया कबूलनामा कोर्ट में मंजूर नहीं किया जाता। बाद में उसके विरुद्ध किसी ने कोई गवाही भी नहीं दी थी।
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