भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार पर गहराए सियासी संकट के बीच दलबदल विरोधी कानून एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने यह सलाह दी है कि इस कानून में बड़े बदलाव की आवश्यकता है और खासतौर पर जो MLA दलबदलू हैं, उन पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लगाने की जरूरत है। इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न पर कुरैशी ने जवाब देते हुए कहा कि, 'मैंने इसलिए कहा कि यदि किसी नेता ने अपनी पार्टी के लिए चुनाव लड़ा और लोगों ने उसे उसकी पार्टी के लिए वोट दिया, किन्तु बाद में वही नेता किसी और पार्टी में चला गया तो उस मतदाता के साथ धोखा हुआ है।'
कुरैशी ने एक मिसाल देते हुए कहा कि, 'मसलन जनता ने कांग्रेस को वोट दिया, किन्तु पैसे ने उस सरकार को तोड़कर भाजपा की सरकार बना दी। यह उल्टा भी हो सकता है।' कुरैशी ने एक बार फिर इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि, 'मैं बस ये एक मिसाल दे रहा हूं।' कुरैशी ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद फरोख्त) को रोकने के लिए ही दलबदल विरोधी कानून बना था। लेकिन इस वक़्त इसके मद्देनजर कोई फायदा नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को एक स्थिरता चाहिए होती है और बार-बार चुनाव होना आवाम के साथ गलत है।' उन्होंने कहा कि क्या वर्तमान वक़्त में नेताओं में नैतिकता नहीं बची है, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि, 'यह पहले तो थोड़ी बहुत थी, लेकिन अब तो बिल्कुल चली गई है।' कुरैशी ने आगे कहा कि इसी वजह से दलबदल विरोधी कानून आया था।
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