रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार ने हाल ही में कोयला उद्योग के निजीकरण होने की आशंका को जाहिर किया है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। इस पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है और लिखा हुआ है कि, 'देश में कोयला संकट नहीं है। यह संकट केंद्र की बीजेपी सरकार की ओर से बनाया गया है, ताकि कोयले का निजीकरण किया जा सके।'
भाजपा सरकार देश में कोयला उद्योग के निजीकरण के लिए कदम उठा सकती है और इसका झारखंड राज्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है .
— Dr. Ajoy Kumar (@drajoykumar) October 16, 2021
इस संबंध में झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी को मेरा पत्र।@RahulGandhi @INCIndia @INCJharkhand pic.twitter.com/bsZ91Pd9iC
इस बारे में खुद डॉ. अजय ने जानकारी दी है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है और बताया है कि उन्होंने अपने पत्र में कहा है, 'केंद्र की बीजेपी सरकार कोयला उद्योग के निजीकरण को लेकर कदम उठा सकती है। इसका झारखंड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि झारखंड कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'कोयला उद्योग के निजीकरण की वजह से राज्य में प्रदूषण में वृद्धि, जंगलों की कटाई, गरीब आदिवासियों का शोषण, निजी कंपनियों की ओर से खानों का कुप्रबंधन और कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी।'
अपने पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए लिखा है, 'सरकार कोयला उद्योग के निजीकरण का विरोध करें। हमारे इस कदम से प्राकृतिक संसाधनों को निजी हाथों में जाने से बचाएगा और आदिवासियों के हितों की रक्षा होगी।'
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