भोपाल: इन दिनों शिवराज सरकार तेजी से कार्य कर रही है। दिन पर दिन बैठक हो रही है और आने वाली योजनाओं के बारे में चर्चा भी हो रही है। इस बीच कई बार CM शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर भी लिया जा रहा है। कई विपक्षी दलों के नेता उन्हें निशाने पर ले रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का बयान सामने आया है। उन्होंने स्कूलों की व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए है। हाल ही में उन्होंने ट्वीट के माध्यम से तंज कसा है।
शिक्षा के मामले में फिसड्डी नंबर वन मध्यप्रदेश :
— Jitu Patwari (@jitupatwari) February 9, 2021
- 14 हज़ार स्कूल
बिना चारदीवारी के
- 18 हज़ार स्कूल
बिना शिक्षकों के
- 44 हज़ार स्कूल
बिना बिजली के
- 1208 स्कूल
बिना शौचालय के@OfficeofSSC 17साल बेमिसाल
यह किस तरह के हाल में आपने प्रदेश को ला दिया ?
‘न कोई घुसा है न घुस पाया है’ की अपार सफलता के बाद ‘एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा’..।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) February 9, 2021
- श्रमजीवी, बुद्धिजीवी, आंदोलनजीवी, परजीवी के बाद भाषणजीवी कह रहे है एमएसपी है पर लिखा नहीं जाएगा, क़ानून में नहीं आएगा..।
अपने ट्वीट में वह लिखते हैं, '14 हज़ार स्कूल बिना चारदीवारी के, 18 हज़ार स्कूल बिना शिक्षकों के, 44 हज़ार स्कूल बिना बिजली के,1208 स्कूल बिना शौचालय के। शिवराज सरकार के 17 साल बेमिसाल यह किस तरह के हाल में आपने प्रदेश को ला दिया।' इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा "आंदोलनजीवी" शब्द कहने पर भी ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'न कोई घुसा है न घुस पाया है’ की अपार सफलता के बाद ‘एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा।।। श्रमजीवी, बुद्धिजीवी, आंदोलनजीवी, परजीवी के बाद भाषणजीवी कह रहे है एमएसपी है पर लिखा नहीं जाएगा, क़ानून में नहीं आएगा।' इस तरह उन्होंने PM को भी अपने निशाने पर ले लिया।
शब्द का सम्मान कीजिए उसका खिलवाड़ और दुरूपयोग नहीं-
— Jitu Patwari (@jitupatwari) February 9, 2021
आंदोलनजीवी परजीवी
बनाम
भाषणजीवी, जुमलाजीवी, नौटंकजीवी, परिधानजीवी,आदि आदि
कुछ भी कहते रहे लोग
पर मोदी जी की इस बात की तारीफ़ तो बनती है कि मोदीजी है तो मित्रजीवी मित्रों के लिए .......बाक़ी आप समझदार हो pic.twitter.com/1TT2In3uMA
क्या कहा था PM मोदी ने- जी दरअसल बीते सोमवार को राज्यसभा में सम्बोधन देने के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'देश श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्दों से परिचित हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वह है आंदोलनजीवी। वकीलों का आंदोलन हो या छात्रों का आंदोलन या फिर मजदूरों का। ये हर जगह नजर आएंगे। कभी पर्दे के पीछे, कभी परदे के आगे। यह पूरी टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा। यह सारे आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं।'
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