रांची : भ्रष्टाचार और गलत तरीकों से धन संपत्ति एकत्रित करने वालों को सज़ा मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. मनी लांड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को सात साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इतिहास में मनी लॉंड्रिंग केस में पहली बार किसी को सज़ा दी गई है.
गौरतलब है कि मंत्री बनने से पहले हरिनारायण राय ने अपने खाते में केवल 5 हजार रुपये की राशि घोषित की थी.वहीं उस दौरान उनके पास कोई गाड़ी भी नहीं थी. लेकिन मंत्री बनने के बाद तीन साल में उनके खाते में करोड़ों रुपये जमा हुए और वह एकाएक 6 गाड़ियों के मालिक बन गए. हरिनारायण राय के नाम पर 9 से ज्यादा संपत्ति दर्ज हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने एक मकान में कुल 18 एसी लगवाए थे.
आरोप यह भी है कि हरिनारायण राय ने एक मकान अपनी पत्नी सुशीला देवी के नाम पर खरीदा था, जिसमें उन्होंने सुशीला देवी के पति का नाम गणेश राय दिखाया था. जबकि गणेश राय उनकी पत्नी सुशीला देवी के पिता थे. वहीं उनकी पत्नी और भाई पर भी डेयरी के जरिए काली कमाई को सफेद करने के आरोप हैं.कोर्ट ने करोड़ों रुपये के मनी लॉंड्रिंग केस में हरिनारायण राय को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. बता दें कि पूर्व मंत्री हरिनारायण राय तीन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में अहम विभागों के मंत्री रह चुके हैं.
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