पूर्व सांसद और साहित्यकार बालकवि बैरागी का निधन

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नीमच : देश के जाने माने कवि, लेखक और पूर्व सांसद,बालकवि बैरागी का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने नीमच जिले के मनासा स्थित निजी निवास पर अंतिम साँस ली. सम्भवतः दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ.

मिली जानकारी के अनुसार बैरागी रविवार को मंदसौर जिले के चंगेरी में पेट्रोल पंप का शुभारंभ करने के बाद मनासा के कवि नगर में स्थित निवास  पर कुछ देर चर्चा करने के बाद वह अपने कक्ष में आराम करने चले गए. शाम करीब चार बजे निजी सहायक दिलीप सोनी उन्हें चाय के लिए जगाया तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो डॉ. मनोज संघई को बुलाया गया. डॉ. संघई ने जाँच के बाद उनके निधन की पुष्टि की .इस दौरान उनके बेटे सुशीलनंद बैरागी और अन्य परिजन उदयपुर गए हुए थे.

उल्लेखनीय है कि बैरागी का जन्म 10 फरवरी, 1931 को मनासा विकासखंड के रामपुरा में हुआ था. बालकवि बैरागी का बचपन से ही साहित्य के प्रति लगाव था.बैरागी ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए 25 से अधिक गीत लिखे, जिनमें से ‘तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे’ शामिल है.उन्होंने कई हिन्दी कविताएं भी लिखीं, जिनमें से ‘झर गये पात बिसर गये टहनी’ प्रसिद्ध है.वह 1945 से कांग्रेस में सक्रिय थे. वे 1969 से 1972 तक पं. श्यामाचरण शुक्ल के मंत्रिमंडल और 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे.1995-96 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव और 1998 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने थे.फ़िलहाल वह केंद्रीय हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य थे. उनका अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर दो बजे मनासा में होगा.

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