बीजिंग: चीन की क्रूरता एक बार फिर दुनिया के सामने आयी है. डिटेंशन सेन्टर्स और लेबर कैम्प में सजा काटने वाले एक कैदी ने अपने साथ हुए टॉर्चर की कहानी बताई है. सिडनी में रह रहे जिन्ताओ लियु ने 2006 से लेकर 2009 तक बीजिंग डिटेंशन सेंटर और लेबर में रखा गया था. जहाँ इलेक्ट्रिक शॉक से लेकर, सेक्शुअल असॉल्ट, पेट में जबरन खाना डालने और 24 घंटे खड़े रखने तक तमाम टॉर्चर के तमाम तरीके इस्तेमाल किए गए.
उनका जुर्म सिर्फ इतना था की वो फालुन गोंग नाम के एक स्प्रिचुअल मूवमेंट से जुड़े थे, जिसे जुड़े संगठन को चीनी सरकार गैरकानूनी ठहरा चुकी थी. डिटेंशन सेंटर में बिताई खौफनाक रातों को याद करते हुए लियु ने बताया कि उन्हें कई बार पूरे-पूरे दिन खड़ा रखा गया. इसके साथ उनके नाखूनों में पिन डाल दिए गए. लियु ने बताया कि इलेक्ट्रिक शॉक, मारपीट, सेक्शुअल असॉल्ट, पाइप के जरिए पेट में खाना डालने तक उनके साथ सबकुछ किया गया.
उन्होंने बताया की, उन्हें तोपीलेट तक जाने नहीं दिया जाता था. उन्होंने बताया, ''जेल के चार गार्ड्स ने मिलकर मेरे कपड़े उतारे और टॉयलेट ब्रश मेरे प्राइवेट पार्ट्स में डालने लगे. गार्ड्स लगातार कह रहे थे कि वो तब तक इस तरह टॉर्चर करेंगे, जब तक कि मैं होमोसेक्शुअल नहीं हो जाता.' लियु ने कहा कि अब भी टॉर्चर का ये सिलसिला जारी है. चीन सरकार अब भी बेगुनाहों को दोषी ठहराकर हार्वेस्टिंग के लिए उनकी बॉडी से ऑर्गेन निकालती है.