नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF काफिले पर हुआ आत्मघाती आतंकी हमला वर्तमान सरकार के लिए तोहफा है? ऐसे सवाल खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत द्वारा की गई एक टिप्पणी के बाद सामने आए हैं। दरअसल, शनिवार को इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड आर्गेनाइजेशन 2019 द्वारा आयोजित किए गए वार्षिक एशियन अरब अवार्ड 2019 समारोह से अलग प्रेस वालों से बात करते हुए दुलत ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द्वारा भारतीय सुरक्षाबलों पर किया गया हमला वर्तमान सरकार के लिए तोहफा है।
आपको बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 44 से अधिक जवान शहीद हुए थे। हमले के 12 दिन बाद इंडियन एयर फ़ोर्स ने पाकिस्तानी सीमा से काफी अंदर घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर हवाई हमला कर भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। जिसके बाद देश की सत्तारूढ़ सरकार के प्रति जनता का रूख और भी साकारात्मक दिख रहा है।
इन्हीं बातों के मद्देनज़र दुलत ने कहा है कि, "मुझे लगता है, मैं पहले भी कह चुका हूं कि मेरे खयाल से यह जैश द्वारा भाजपा या मोदीजी को तोहफा था। चुनाव की वजह से, यह अपरिहार्य था कि इस तरह का कुछ होगा। लेकिन जब कुछ हुआ, इसलिए पाकिस्तान के भीतर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देना बिल्कुल उचित था"। वहीं राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए दुलत ने कहा है कि व्यापक रूप में अगर देखा जाए तो राष्ट्रवाद सही है किन्तु संकीर्णता से इसे देखना ठीक नहीं है।
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