जम्मू कश्मीर में भाजपा द्वारा पीडीपी को दिया समर्थन वापस लेने के बाद पैदा होने वाले हालातों पर सुरक्षा विशेषज्ञ भी नजर जमाए हुए है. भारतीय ख़ुफ़िया विभाग, रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद का मानना है कि इस राजनीतिक उथल पुथल से घाटी में एक बार फिर हिंसा भड़क सकती है. हालांकि वह यह भी कहते है कि ख़ुफ़िया एजेंसी किसी भी हालत से निपटने में सक्षम है. बता दें कि जम्मू कश्मीर में पिछले दो दिनों से राज्यपाल शासन लगा हुआ है. दरअसल यहां भाजपा ने पीडीपी को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया है. एक हिंदी न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान सूद ने कहा कि, 'घाटी में राज्यपाल शासन लगने के बाद फैसले लेने और उसपर अमल करने में आसानी होगी.'
उन्होंने कहा कि, 'यह फैसला राजनीतिक है लेकिन घाटी की बिगड़ती स्थिति को देखकर उसमें कुछ ना कुछ एक्शन लेना जरूरी था.' पूर्व रॉ प्रमुख के अनुसार, 'बेहतर तो यही है कि राज्य सरकार ही स्थिति पर नियंत्रण करे, क्योंकि यही लोकतंत्र का ढांचा है लेकिन ऐसा नहीं होने पर तो केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ेगा जैसा अभी हुआ है, क्योंकि स्थिति काबू में नहीं आ रही थी.'
इसके अलावा सूद ने रमजान के महीने में सीजफायर के फैसले को गलत बताया. पूर्व रॉ प्रमुख के मुताबिक, 'वो फैसला गलत था, आपको उन पर पहले काबू पाना होगा और जब आप काबू कर लेंगे या काबू करने के योग्य हो जाएंगे या उसके करीब पहुंच रहे होंगे तब आप बात करें. पहले बात करेंगे तो उनकी मांगे और बढ़ती जाएंगी.'
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