नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में हाल ही में 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश जारी हो चुका है जिसे राज्यपाल से भी मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में कई लोगों को यह कानून पसंद आ रहा है लेकिन कई लोग हैं जो इस कानून के खिलाफ आवाजें उठा रहे हैं। अब इसका विरोध करने वालों की लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन लोकुर भी शामिल हो गए हैं। हाल ही में उन्होंने कहा है कि, 'ये कानून फ्रीडम ऑफ च्वाइस यानी चुनने की स्वतंत्रता के खिलाफ है।'
जी दरअसल बीते रविवार को लोकुर ने एक लेक्चर दिया और इसी दौरान उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में हाल ही में पास हुआ वो अध्यादेश दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें जबरन, धोखे या बहकावे से धर्मांतरण कर शादी कराने की बात कही गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अध्यादेश चुनने की आजादी, गरिमा और मानवाधिकारों की अनदेखी करता है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, 'धर्मांतरण संबंधी शादियों के खिलाफ ये कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनने की आजादी और व्यक्ति की गरिमा की रक्षा के लिए विकसित किए गए न्यायशास्त्र का उल्लंघन हैं।'
वैसे इस दौरान लोकुर ने साल 2018 के हादिया केस का जिक्र किया। उन्होंने अपने लेक्चर में कहा, 'हादिया केस में 2018 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का क्या हुआ? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश हवाले देते हुए कहा कि उसमें कहा गया था कि एक महिला अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपना सकती है और अपनी पसंद के आदमी से शादी कर सकती है।' आप सभी जानते ही होंगे UP में लव जिहाद का कानून बनने के बाद मामले भी सामने आ चुके हैं।
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