चेन्नई: तमिलनाडु की एक अदालत ने आज शुक्रवार (16 जून) को सूबे के पुलिस बल के पूर्व विशेष महानिदेशक (Special Director-General) राजेश दास को दोषी करार देते हुए और ढाई साल पहले फरवरी 2021 में एक जूनियर अधिकारी की तरफ से दाखिल यौन उत्पीड़न मामले में 3 साल जेल की सजा सुनाई है. साथ ही इस पूर्व पुलिस अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के विल्लुपुरम की एक कोर्ट ने एक अन्य पुरुष पुलिसकर्मी पर 500 रुपये का जुर्माना ठोंका है, जिसने शिकायत दर्ज होने से रोकने का प्रयास किया था. दरअसल, एक महिला पुलिस अधिकारी ने राजेश दास पर अनुचित व्यवहार करने का गंभीर इल्जाम लगाया था, जबकि दोनों ही पुलिस अफसर सेंट्रल डिस्टिक्ट में ड्यूटी पर पदस्थ थे. यह घटना उस वक़्त की जब अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम (AIADMK) के नेता ई पलानीस्वामी (Edappadi Palaniswami) राज्य के सीएम थे. महिला पुलिसकर्मी की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति गठित कर दी थी.
इस शिकायत के बाद 2021 में तमिलनाडु में हुए विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले पर जमकर राजनीति हुई थी और AIADMK को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. राजेश दास की जगह जयंत मुरली (सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशक) को जिम्मेदारी दी गई और उन्हें अनिवार्य प्रतीक्षा लिस्ट में रख दिया गया. जिसका मतलब उनके पास कोई विशेष कार्य नहीं था.
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