नई दिल्ली: UPA सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने चुनावी सरगर्मी के बीच अपनी ही पार्टी को खुली चेतावनी दे डाली है। तिवारी ने कहा है कि वह कांग्रेस में हिस्सेदार हैं, न कि किराएदार। तिवारी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सियासी गलियारों में कयास लग रहे थे कि वह पार्टी से इस्तीफा देने वाले हैं।
जब उनसे पत्रकार ने पुछा कि आपके बारे में भी काफी अफवाहें उड़ रही हैं। आप इतने पुराने कांग्रेसी हैं, आप क्या कहना है? तो तिवारी ने कहा कि, 'क्या अफवाहें उड़ रही हैं?' पत्रकार ने जवाब दिया कि आप भी शायद भाजपा में जाने वाले हैं। इस पर मनीष तिवारी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, मैंने पहले भी यह बात कही है कि हम कांग्रेस में कोई किराएदार थोड़ी न हैं, हम हिस्सेदार हैं।' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई उन्हें पार्टी से बाहर करता है, तो यह दूसरा मसला होगा। तिवारी ने कहा कि, मैंने इस पार्टी को अपने जीवन के 40 साल दिए हैं।
उन्होंने कहा कि, 'हमारे परिवार ने इस देश की अखंडता और एकता के लिए खून बहाया है। हम एक विचारात्मक सियासत में यकीन रखते हैं, पर कोई धक्के देकर निकालना चाहे, वह अलग बात है।' जी-23 नेताओं में शामिल तिवारी ने एक कार्यक्रम में यह भी कहा था कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ रहे, पर अपने दल के अंदर लोकतांत्रिक सुधारों के लिए अवश्य कह रहे हैं। बाकी कांग्रेसियों की तरह पार्टी को अलविदा कहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि- 'मैं पुल को तब पार करूंगा, जब मैं वहां पहुंचूंगा।'
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