पेरिस: भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदा भारतीय मीडिया के साथ-साथ फ्रेंच मीडिया में भी सुर्ख़ियों में बना हुआ हैं. फ्रांस के मीडिया में कांग्रेस द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राफेल सौदे को लेकर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर चर्चा की जा रही हैं, साथ ही अब फ्रांसीसी मीडिया में इस गुप्त सौदे को लेकर आलोचना-समालोचना का दौर भी जारी हैं.
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हाल ही में फ्रांस के एक निजी टीवी चैनल ने 'फ्रांस राफेल डील से भारतीय राजनितिक जगत में तूफ़ान' नामक एक शो चल रहा था. इसमें राफेल विमानों के निर्माता,दासॉल्ट और अनिल अम्बानी के रिलायंस ग्रुप के बीच साझेदारी के बारे में बताया गया था. फ्रांस मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार 78 साल के अनुभव वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को इस डील में साझेदार बनाने की उम्मीदें की जा रही थी, लेकिन उनकी जगह अनिल अम्बानी की रिलायंस डिफेन्स कंपनी को साझेदार बनाया गया, जो पीएम मोदी द्वारा राफेल सौदे की घोषणा करने के 13 दिन पहले ही शरू हुई थी.
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अनिल अम्बानी के बारे में बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 59 वर्षीय अरबपति को दूरसंचार क्षेत्र में कम सफलता मिली है और विमान उद्योग में भी उन्हें कोई अनुभव नहीं है, लेकिन उनके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष सम्बन्ध हैं.
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