भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में आज सोमवार को फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2021 पारित कर दिया गया। यह विधेयक जनवरी में सरकार के उस अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है, जिसमें किसी का धोखा से धर्मपरिवर्तन कराया गया है। इस बिल में कुछ मामलों में 10 वर्ष के कारावास और उल्लंघनकर्ताओं के लिए भारी जुर्माना का प्रावधान था। 9 जनवरी को पारित किए गए इस बिल में शादी के लिए फर्जी तरीके से धर्म परिवर्तन करने वालों को दंडित करने का प्रावधान किया गया है।
सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसके एक माह के अंदर अध्यादेश के तहत 23 केस दर्ज किए गए। उन्होंने कहा था कि भोपाल संभाग में सबसे अधिक सात मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें इंदौर में पांच, जबलपुर और रीवा में चार-चार और ग्वालियर संभाग में तीन मामले सामने आए हैं। भोपाल में एक मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल पर एक टीचर द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया गया था। महिला टीचर ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे प्रताड़ित किया।
स्पष्ट तौर पर बिल का लक्ष्य 'लव जिहाद' ताबूत में अंतिम कील ठोंकना है। बता दें कि मध्य प्रदेश में मुस्लिम लड़कों द्वारा हिन्दू लड़कियों को गलत पहचान बताकर, अपने प्यार के जाल में फंसकर और फिर शादी कर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के कुछ मामले सामने आए थे, जिसके बाद लव जिहाद अध्यादेश लाया गया था।
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