भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनाव की दिनांक की घोषणा से पहले भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस अपना किला मजबूत करने की तैयारियां कर रही हैं। दोनों ही पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करना चाहती है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने जनता के लिए कृषक न्याय योजना पेश की है। इसके तहत किसानों का बकाया बिजली माफ किया जाएगा। उन्हें 12 घंटे बिजली देने के अतिरिक्त आंदोलन के चलते उनके खिलाफ हुए मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे। पार्टी ने यह ऐलान अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से किया है।
पार्टी ने X पर लिखा, 'मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर - 1. 5 हॉर्स पावर का बिल माफ, 2. बिजली का बकाया माफ, 3. किसानों का कर्जा माफ, 4. आंदोलनों के मुकदमे माफ, 5. 12 घंटे बिजली का रास्ता साफ। योजना स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन के लिये, वचन के पक्के कमलनाथ।' आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटें की टक्कर लग रही है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह थोड़े-थोड़े अंतराल पर प्रदेश का दौरा करके भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं सिंधिया के तीन वफादारों के दोबारा कांग्रेस ज्वाइन करने से पार्टी के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं। कांग्रेस नेता भी राजनीतिक तौर पर सक्रिय भूमिका में हैं।
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए टिकट चाहने वालों के 4 हजार से ज्यादा आवेदनों की तहकीकात आरम्भ कर दी है। 90-110 प्रत्याशियों की पहली सूची 10 सितंबर तक घोषित होने की संभावना है। पार्टी के राज्य चुनाव पैनल के एक सदस्य ने सोमवार को यह जानकारी दी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 2018 के राज्य चुनावों में हारी हुई 39 सीटों के लिए 17 अगस्त को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है जबकि राज्य में विधानसभा चुनावों का अभी ऐलान नहीं हुआ है। राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता ने मीडिया को बताया, 2 सितंबर को पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी (जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में) की बैठक होने की उम्मीद है जिसमें प्रत्येक सीट पर दो से तीन संभावित नाम लेकर आएंगे।' उन्होंने कहा, 'इस बैठक के पश्चात् संभावित प्रत्याशियों के नाम पार्टी के संसदीय बोर्ड को भेजे जाएंगे जो आखिरी फैसला लेगा। हम 10 सितंबर तक 90-10 उम्मीदवारों की पहली सूची लेकर आएंगे।'
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