ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर 25 मई से नवतपा की शुरुआत होगी। गुरुवार के दिन सुबह 8.14 बजे सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार रोहिणी का वास समुद्र तट पर है। वर्षा ऋतु में इसका प्रभाव उत्तम वृष्टि के रूप में नजर आएगा। समय का निवास धोबी के घर होने से समय पूर्व वर्षा के योग बनेंगे।
संवत् नामक मेघ देशभर में अच्छी बारिश कराएगा। धान्य का उत्दान भी श्रेष्ठ होगा। सूर्य के रोहिणी में प्रवेश के पहले नौ दिन विशेष माने जाते हैं। क्योंकि इन नौ दिनों में वर्षा ऋतु की स्थिति बनती है। इस बार रोहिणी का आरंभ अमावस्या तिथि पर होने से 9 दिन तक मौसम की स्थिति तीन प्रकार से प्रभावित करेगी। पहले तीन दिन भीषण गर्मी रहेगी। मध्य के तीन दिन उमस से परेशानी होगी। पश्चात आखिरी के तीन दिनों में हवा, आंधी के साथ बारिश के योग बन रहे हैं। यह स्थित वर्षा ऋतु में अच्छी बारिश के संकेत कर रही है।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार काल नामक मेघ के कारण बारिश में वर्षा जनित रोग अधिक उत्पन्न् होंगे। देश के कुछ क्षेत्रों में अल्प वृष्टि की स्थिति निर्मित होगी। वर्षा ऋ तु में हेममाली नामक नाग योग देश के कुछ हिस्सों में अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित करेगा। इससे जनधन की हानि होने की संभावना रहेगी। ज्येष्ठ मास में जब शनि, मंगल का सम सप्तक योग बनता है तो अग्नि तत्व प्रबल होते हैं। इससे भीषण गर्मी के साथ आगजनी की घटनाएं हो सकती हैं।
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