मुंबई: भारत अब जल्द यूएस, यूके और नीदरलैंड जैसे देशों में शामिल हो जाएगा जो कि नई टेक्नोलॉजी पर आधारित हैंडबैग स्कैनर टेस्ट कर रहा है जिसमें चेकिंग के दौरान एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स को लैपटॉप और लिक्विड बोटल्स को अलग से निकालने की जरूरत नहीं। जानकारी के अनुसार बता दें कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने सोमवार को दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद एयरपोर्ट में थ्रीडी आधारित कम्प्यूटेड टोमोग्राफी पर पायलट प्रोजेक्ट को अनुमति दी है।
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वहीं बता दें कि इस टेक्नोलॉजी को पहले भी इंटरनेशनल हब्स जैसे न्यूयॉर्क, जेएफएल, लंदन हीथ्री और एम्सटर्डम स्किफोल पर टेस्ट किया जा चुका है। वहीं ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने एक प्रायोगिक आधार पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डे में यात्रियों के हैंडबैग की बिना लैपटॉप और तरल पदार्थ निकाले जांच की अनुमति दी है।
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गौरतलब है कि सीआईएसएफ ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी एरिया में इस मशीन के ट्रायल की परमिशन मांगी थी। हालांकि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इस संबंध में सभी एजेंसियों द्वारा इस अवधारणा के प्रमाण की मंजूरी देने के बाद अंतिम निर्णय लेगा। अगर यह स्थायी आधार पर लागू किया गया, तो यह प्रोजेक्ट सिक्योरिटी प्रक्रिया में यात्रियों और सुरक्षा बलों के समय को बचाने और उसे आसान करने में मदद करेगा।
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