बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर लगातार स्पष्ट होती जा रही है। भाजपा का मजबूत किला ध्वस्त करते हुए कांग्रेस बहुमत हासिल करती नज़र आ रही है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अपनी सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, बसवराज बोम्मई सरकार में मंत्री रहे 5 बड़े नेता अपनी सीट पर पीछे हो गए हैं। राज्य की हॉट सीटों में एक उडुपी का नाम भी शामिल है। यहां हिजाब विवाद पर जमकर बवाल मचा था, जब बोर्ड परीक्षा के दौरान हिजाब पहनी 12वीं की छात्राओं को परीक्षा में बैठने मना कर दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में उडुपी सीट पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों में मुख्य मुकाबला है। हालाँकि, यहां भाजपा कांग्रेस से बड़े अंतर से आगे चल रही है। इस सीट पर भाजपा ने यशपाल सुवर्णा को टिकट दिया था। हिजाब के खिलाफ आंदोलन में यशपाल भाजपा के पोस्टर बॉय थे। वो अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार प्रसादराज कंचन से बहुत आगे चल रहे हैं।भारतीय चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा प्रत्याशी यशपाल सुवर्णा को लगभग 64196 वोट मिल चुके हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रसाजराज कंचन हैं, जिन्हे अब तक 44645 वोट मिले हैं।
उडुपी से शुरू हुआ था बुर्का विवाद:-
बता दें कि ये मामला अक्टूबर 2021 से आरंभ हुआ, जब एक पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनने की मांग शुरू की। इसके बाद मामला दब गया, मगर 31 दिसंबर 2021 को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को कक्षा में प्रवेश से रोक दिया गया, जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया और मामला चर्चाओं में आ गया। यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था, हाई कोर्ट ने जब हिजाब बैन को सही ठहराया तो छात्राएं सुप्रीम कोर्ट पहुँच गईं। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी एक खंडित फैसले में हिजाब बैन को सही ठहराया था और स्कूल-कॉलेज में यूनिफार्म ही पहनने की वकालत की थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए इसपर पुनर्विचार की मांग की गई थी, जो मामला अभी कोर्ट में है। हालाँकि, कांग्रेस ने हिजाब पहनने का पक्ष लिया था, अब माना जा रहा है कि, पार्टी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस हिजाब को मंजूरी दे देगी।