देश में बैंकों का हज़ार करोड़ों का लोन खाकर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताव शुक्ल ने भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक 2018 पेश किया है. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए महाघोटाले से सबक लेते हुए सरकार उन लोन डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही जो देश को करोड़ों रूपये की चपत लगाकर विदेश भाग गए. आपको बता दें इस विधेयक को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और अब सरकार इसे कानून बनाना चाहती है.
सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों पर 100 करोड़ से ज्यादा का क़र्ज़ है और वह देश छोड़कर भाग गए हैं सरकार उनकी सम्पति को कुर्क कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार विजय माल्या , नीरव मोदी और मेहुल चोकसी व अन्य की सम्पति को जब्त करने का विचार चल रहा है साथ ही ऐसे मामलों पर निगरानी रखी जा रही जहाँ धोखाधड़ी के आसार हो सकते हैं. विधयेक के कानून बनने के बाद देश के बैंकों से क़र्ज़ लेकर या आर्थिक हेराफ़ेरी के जरिये पैसे लेकर विदेश भागने वाले भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी और उनकी सम्पति जब्त करके उन पर उचित कार्यवाही की जा सकेगी. इसमें पहले सम्बंधित व्यक्ति को कोर्ट में पेश करके भगोड़ा साबित किया जायेगा उसके बाद उसकी देश-विदेश की सम्पति को जब्त करने के आदेश दिए जा सकेंगे. हालाँकि ऐसा उन मामलों में होगा जिनमें 100 करोड़ से ज्याद की धोखाधड़ी हुई हो. विदेशों से सम्पति जब्त करने का अधिकार होगा लेकिन पहले उन देशों की सरकारों से बात होगी.
यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक भगोड़ा कारोबारी वापस देश में आकर न्यायिक प्रक्रिया में शामिल नहीं हो जाता. लगभग 9 हज़ार करोड़ रूपये का चंदा 7 बैंकों को लगाकर विदेश भागने वाले शराब व्यापारी और राज्य सभा सांसद विजय माल्या के प्रकरण के बाद ऐसे कानून बनाने का फैसला किया गया था और पिछले साल मई से इस पर काम चल रहा है.
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