कालाहांडी : भयंकर गरीबी से जूझ रहे कालाहांडी में पत्नी का शव कंधे पर लेकर 10 किमी तक की दूरी पैदल तय करने वाले दाना मांझी के बाद एक और मामला सामने आया है जिसमें गरीब विधवा बेटियों ने अपनी माँ की चिता घर की छत की लकड़ियां तोड़कर सजाई. यह घटना देश की प्रगति के बड़े -बड़े आंकड़ों को मुंह चिढाने के साथ ही मानवता पर भी सवालिया निशान लगा गई.
दरअसल हुआ यूँ कि शुक्रवार की रात को कालाहांडी के गोलामुंडा ब्लॉक के डोकरीपाडा गांव में शुक्रवार रात को 80 साल की विधवा महिला कनक सत्यापथी की मौत हो गई. इसके बाद कथित तौर पर महिला की चार बेटियों ने मां के अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय लोगों से कंधा देने की अपील की, लेकिन इनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.अगले दिन सुबह बेटियों ने मां के शव को उल्टी खटिया पर रखा और कंधे पर लादकर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गई.
निर्धनता का आलम यह था कि माँ के शव के अंतिम संस्कार के लिए बेटियों के पास पैसे नहीं होने से लकड़ियों का इंतजाम नहीं हो सका तो मां के अंतिम संस्कार के लिए घर के आधे हिस्से को तोड़कर लकड़ियां इकठ्ठा की और अपनी मां का अंतिम संस्कार किया. दिल दहला देने वाली इस दर्दनाक घटना के सामने आने के बाद भी सरकार, समाज और अन्य किसी की ओर से मदद मिलने की कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
जब पत्नी का शव कन्धे पर रखकर 10 किमी तक पैदल चला पति !