नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून बिलों को वापस लेने का एलान कर दिया है। राष्ट्र के नाम संबोधन के बीच तीनों कृषि कानून बिलों को वापस लेने का जैसे ही एलान हुआ, सोशल मीडिया पर भी कई तरह के पोस्ट व मीम्स वायरल होने लगे। राजनेताओं से लेकर आम आदमी ने भी इस कृषि कानून बिल की वापसी पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे डाली, किसी ने इस फैसले को किसानों की जीत कहा तो किसी ने इस एलान पर दुःख भी जताया।
एक सोशल मीडिया यूजर्स ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया दी है कि किसानो के प्रदर्शन के आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को अभियान टूट गया, तो वहीं एक यूजर ने बोला है कि इस निर्णय ने 100 करोड़ हिंदुस्तानियों का दिल तोड़ दिया है। ट्विटर पर सौरव चंदा ने लिखा है कि 'यह किसानों की जीत है तो भारत की हार है। वे एक बार भी इन कानूनों को समझ नहीं पाए। यह उनके हित के लिए था। बुरा दिन। चौथी पीढ़ी के युद्ध में भारत कैसे हार रहा है, यह उसका उदाहरण है।'
सिद्धार्थ गुप्ता ने लिखा है कि- 'विरोध इसलिए ही अहम् है। एक लोकतंत्र के रूप में एक सत्तावादी शासन में कभी-कभी मतपत्र के अलावा अन्य तरीकों से आवाज उठानी पड़ती है। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद नहीं दूंगा, लेकिन खुशी है कि ऐसा हो गया।'
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि जिन लोगों ने कृषि कानूनों को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए बड़े-बड़े आर्टिकल लिख दिए थे, वे अब कृषि कानूनों की वापसी को मास्टरस्ट्रोक बताने के लिए फिर से आर्टिकल लिखते हुए नज़र आएँगे।
राजीव राजपूत ने लिखा है, जो नरेंद्र मोदी की निंदा कर रहे हैं, उन्हें तय करना चाहिए कि अहम् क्या है? हिंदुस्तान या खालिस्तान को हवा देना...ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में फैसला है.
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