भारत में महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए न जाने कितने व्रत रखती हैं. यह प्रथा आज से नहीं बल्कि पौराणिक काल से चली आ रही है. भारत में नारियां अपने सुहाग के लिए सौलह श्रंगार करती है पर आपको जानकर हैरानी होगी भारत में एक ऐसी जगह है जहाँ महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के सालभर में तीन महीने विधवाओं के जैसे रहती हैं. इस प्रथा के अनुसार महिलाएं अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए तीन महीनों तक कोई श्रृंगार नहीं करतीं और विधवाओं जैसा कष्टभरा जीवन जीतीं हैं.
उत्तर प्रदेश के दवरिया जिले के बेलवाड़ा में महिलाएं हर साल तीन महीने का मातम मानती है. इन तीन महीनों तक एक अजीब सी खामोशी पूरे गांव में पसरी रहती है और हर तरफ मातम का माहौल छाया रहता है. इस गांव में मई से जुलाई तक सन्नाटा और मातम सा पसरा रहा है. महिलाएं अपने जीवित पति के मरने जैसा गम मानती है और एक-दूसरे का दुःख भी इस महिलाएं साझा करती है. वहीँ फिर तीन महीने के मातम के बाद इस गांव में जश्न मनाया जाता है. गांव के पुरुष ताड़ से ऊँचे पेड़ों से ताड़ी निकालने का कार्य करते हैं और महिलाएं उनका साथ देती है. ताड़ी बनाकर गांव में खुद जश्न किया जाता है.
यहाँ भूतनी के डर से मर्द पहन रहे हैं औरतों के कपड़े