गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आटोमोबाइल विनिर्माताओं से कलपुर्जों में स्थानीयकरण को बढ़ाकर शत प्रतिशत करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार ऐसे कलपुर्जों के घरेलू लेवल पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये आयात पर मूल शुल्क बढ़ाने पर विचार करेगी। गडकरी यहां आटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (एसीएमए) द्वारा आयोजित एक समारोह में कह रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में आटोमोबाइल क्षेत्र के कलपुर्जों के विनिर्माण में 70 प्रतिशत तक स्थानीय उत्पादों का उपयोग होता है।
उन्होंने कहा, 'हमें किसी भी कीमत पर आटो कलपुर्जों के आयात को रोकना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं वाहन और वाहनों के कलपुर्जा विनिर्माताओं दोनों से यह अपील करता हूं कि वह विनिर्माण में उपयोग होने वाले ज्यादा से ज्यादा सामान को स्थानीय स्तर पर ही क्रय किए। बल्कि मैं कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा नहीं बल्कि शत प्रतिशत सामान देश के अंदर से ही लें। हम हर क्षेत्र में पूरी प्रकार से सक्षम हैं। मैं वाहन कंपनियों से कहना चाहूंगा कि वह इस मसले पर गंभीरता से विचार करें अन्यथा जहां तक कलपुर्जों के आयात का मामला है हम इन पर आयात शुल्क बढ़ाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।’’
गडकरी ने आगे कहा कि सरकार की इस केस में हर वक़्त स्पष्ट नीति रही है। हम भारत में निर्मित और भारत में तैयार उत्पादों की नीति को प्रोत्साहन देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जब कभी वाहन विनिर्माता कंपनियों के साथ विचार विमर्श करने का मौका प्राप्त होता है उनका यही सुझाव होता है कि आयात को कभी भी बढ़ावा नहीं दें। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ साथ सूक्ष्म, लघु और मझौले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय का भी कामकाज संभाल रहे गडकरी ने विनिर्माताओं से कहा कि वह उत्पाद की गुणवत्ता के साथ समझौता किये बिना लागत कम करने पर ध्यान दें।
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