रांची। झारखंड की राजधानी रांची में अब बिना चीरा लगाकर पित्ताशय की थैली को निकालने और इसमें फंसे स्टोन का उपचार किया जा सकेगा। इस हेतु पूरी तैयारी कर ली गई है। हालांकि शनिवार को यहाॅं के सर्जन्स को इस तरह के उपचार को लेकर जानकारी दी गई। मिली जानकारी के अनुसार (ईआरसीपी) एंडोस्कोपिक कोलेंजियो पैंक्रियोटोग्राफी तकनीक से आॅपरेशन हेतु विभाग के पास एंडोस्कोपी सहित कई उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।
इस हेतु प्रशिक्षण बेहद आवश्यक है जिससे युवा सर्जन इन सभी का उपयोग कर पाए। कार्यशाला में चिकित्सकों को जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल काॅलेज एंड चिकित्सालय के गैस्ट्रो एंट्रोलाॅजी डिपार्टमेंट के एचओडी डाॅ. श्याम सुंदर शर्मा प्रशिक्षण दिया। चिकित्सक ने उपस्थितों को उपकरणों की जानकारी दी साथ ही वहाॅं पहुॅंचे रोगियों का आॅपरेशन भी किया। विशेषज्ञ डॉ शर्मा ने कहा कि यह तकनीक नई नहीं है।
लेकिन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में इसकी सुविधा मरीजों को अब मिल रही है। इसमें सर्जन को दक्ष होना चाहिए। मैं करीब 24 व 25 साल से ईआरसीपी कर रहा हूं। इसकी खासियत यह है कि सर्जन कम समय में ऑपरेशन करेंगे और दुबारा ऑपरेशन करने की नौबत नहीं आती है
कार्यशाला एचओडी डॉ आरजी बाखला की देखरेख में हुई। ऑपरेशन टीम में डॉ विनोद कुमार,डॉ विनय प्रताप,डॉ डीके सिन्हा,डॉ आरएस शर्मा,डॉ पंकज बोदरा,डॉ निशिथ एक्का सहित कई सीनियर रेजीडेंट और जूनियर डॉक्टर शामिल थे।
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