गणेश जी के आगमन को लेकर पूरे देशभर में एक उत्साह की लहर दौड़ रही हैं। हर गली-मोहल्ले में गणेश जी की स्थापना के लिए पंडाल भी तैयार हो चुके हैं। हम बड़ें उत्साह के साथ प्लास्टर आॅफ पेरिस से बनी गणेश जी की प्रतिमा लेकर आते है लेकिन आप जानते है पर्यावरण पर इसका क्या असर होता है। पर्यावरण को खतरा नहीं हो इसके लिए पूणे के मशहूर शिल्पकार विवेक कुंभले फिटकरी से गणेश जी की प्रतिमा बनाते हैं।
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि
शिल्पकार विवेक पिछले 8 साल से हर गणेश चतुर्थी पर करीब 30 से 35 फिटकरी के गणेश जी बनाते है। विवेक चाहते है कि सरकार इसके प्रति लोगों को जागरूक करे। इतना ही नहीं भक्तजन से पहले मूर्ति बनाने वालों को इसके लिए प्रेरित करें। ऐसा इसलिए क्योंकि जो दिखता है वह बिकता है। विवेक ने मीडिया को बताया कि पीओपी से निर्मित मूर्ति से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है और मिट्टी से भी लेकिन बहुत ज्यादा नहीं पर फिटकरी से तो पानी साफ होता है।
गणपती बाप्पा मोरया, मंगलमुर्ती मोरया
विवेक ने अपना काम छोड़कर इस काम को शौकिया तौर पर कर रहें। उन्होंने बताया कि जब फिटकरी से निर्मित मूर्ति को नदीं में विसर्जित करेंगे तो जल साफ होगा। उसके कोई दुषपरिणाम भी नहीं होगे। आपको बता दें कि पिछले वर्ष मध्य प्रदेश सरकार ने पीओपी से निर्मित मूर्तियों पर रोक लगा दी थी लेकिन मूर्ति निर्माताओं को कोर्ट से हरी झंडी मिल गई थी और उन्होंने फिर से पीओपी की मूर्ति बनाना शुरू कर दी थी।
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