मुंबई: महाराष्ट्र में हर साल गणपति बप्पा के जन्म का उत्सव यानी गणेश उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हालाँकि इस बार महाराष्ट्र में कोरोना का साया है और इसी के चलते इस बार यहाँ कम धूम-धाम नजर आने वाली है। आप सभी को बता दें कि हर साल गणेश चतुर्थी 1630-1680 के दौरान छत्रपति शिवाजी (मराठा साम्राज्य के संस्थापक) के समय में एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाया जाता था। वहीँ शिवाजी के समय, यह गणेशोत्सव उनके साम्राज्य के कुलदेवता के रूप में नियमित रूप से मनाना शुरू किया गया था। जी दरअसल पेशवाओं के अंत के बाद, यह एक पारिवारिक उत्सव बना रहा। साल 1893 में बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक (एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक) द्वारा इसे पुनर्जीवित किया गया।
लालबाग के राजा?- मुंबई स्थित लालबागचा राजा महाराष्ट्र में सबसे लोकप्रिय है, यहाँ पर हर साल गणेशोत्सव के दौरान बप्पा के दर्शन के लिए सैलाब आता है। आपको बता दें कि मुंबई के लालबाग बाजार में लालबाग पुलिस स्टेशन के पास स्थित ये गणेश मंडल काफी लोकप्रिय है। जी दरअसल साल 1934 से लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा प्रबंधित पौराणिक प्रतिमा के दर्शन के लिए लाखों भक्त आते हैं।
गणेश महोत्सव के लिए गाइडलाइन-
• गणेश उत्सव पर सार्वजनिक स्थलों पर मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट से अधिक नहीं होगी।
• किसी भी मनोरंजन कार्यक्रम को आयोजित करने की जगह रक्तदान शिविर आयोजित हों।
• सभी गणपति मंदिरों में से ऑनलाइन दर्शन हों।
• पंडालों में 5 वालेंटियर से अधिक नहीं हों।
• पंडालों में भीड़ इकट्ठी न हो।
• पूरे गणपति उत्सव के दौरान कोई भी जलसा या जुलूस नहीं निकाल सकते।
• मूर्तियों का विसर्जन स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए कृत्रिम तालाबों में ही होगा।
भ्रूण हत्या पर पूर्ण विराम लगाना प्रत्येक नागरिक का दायित्व: डिप्टी कलेक्टर चाहत बाजपेयी