भोपाल। इस साल 13 सितम्बर 2018 से गणेश चतुर्थी के पर्व की शुरुआत हो रही है। हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले भगवान गणेश से जुड़े इस पर्व को लेकर भक्तो का जोश बढ़ते ही जा रहा है। इन दिनों देश में जगह-जगह गणपति के मंदिरों की साज सज्जा चल रही है और जगहों-जगहों पर गणेश जी की झांकियां भी सजाई जा रही हैं। इसके साथ ही हर घर में गणेश जी की पूजा अर्चना करने की भी तैयारियां की जा रही है। इस बीच सामूहिक रूप से सार्वजानिक तौर गणेश जी की स्थापना करने के वाले भक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है।
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दरअसल रविवार को नागदा के सर्किट हाउस में शांति समिति की बैठक एक बैठक में बड़े निर्णय लिए गए है। इसमें पहला निर्णय यह है कि अब भगवान गणेश के भक्तों को छोटे और मंझले पंडालों के लिए अनुमति नहीं लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले नगर में किसी भी तरह के पंडाल आयोजन के लिए अनुमति लेनी जरुरी होती थी।
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इसके साथ ही नगर प्रशासन ने यह निर्णय भी लिया है कि अब वे खुद ही प्रतिमा विसर्जन करवाएगा। इस निर्णय के लिए प्रशासन ने यह तर्क दिया है कि इससे विसर्जन के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। दरअसल दो साल पहले इलाके में प्रतिमा विसर्जन के दौरान पास एक नायन डेम पर एक युवक की डूबने से मौत हो गई थी।
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