आप जानते ही हैं कि आज आषाढ़ मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि है और हर महीने के इस दिन को गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है. ऐसे में यह भी कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी संकटों को खत्म करने वाली चतुर्थी होती है. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपाय आदि हर संकट की काट होते हैं और हर शुभ काम से पहले गणेश जी के पूजन का विधान है लेकिन आज के दिन आप स्पैशल पूजा से बप्पा को प्रसन्न कर अपने हर कष्ट से मुक्त हो सकते हैं.
जी हाँ, आप सभी को बता दें कि भगवान गणेश की प्रतिमा ईशान कोण में रखनी चाहिए और उसके बाद पूजा में जल, अक्षत, दूर्वा, मोदक, पान, गुड़, धूप-दीप आदि रखना चाहिए. वहीं अंत में मोदक का भोग लगाकर आरती करना चाहिए और रात के समय चंद्रमा को शहद और जल से अर्घ्य दें. ध्यान रहे चंदन व रोली अर्पित करें और फिर भिन्न-भिन्न राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति के लिए यह उपाय करने चाहिए. जानते हैं उपाय.
उपाय - मेष- श्री गणेश के मंत्र 'ऊँ ह्रीं ग्रीं ह्रीं' का जाप कर सकते हैं.
वृष- पानी वाला नारियल लेकर उस पर कलावा बांध कर बहते जल में बहा दें.
मिथुन- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें या सुनें.
कर्क- गणेश जी के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं, 'ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप कर सकते हैं.
सिंह- गणेश जी के मन्दिर में सिन्दूर चढ़ाकर धूप-दीप कर सकते हैं.
कन्या- गऊशाला में चारे का दान कर सकते हैं.
तुला- श्री गणेश के मंत्र 'ऊँ विघ्नेश्वराय नमः' का जाप कर सकते हैं.
वृश्चिक- भगवान गणेश को हल्दी का तिलक लगा सकते हैं.
धनु- पान के पत्ते पर सुपारी का जोड़ा रखकर गणेश जी को अर्पित कर सकते हैं.
मकर- गणेश जी की पूजा करने के बाद आरती कर सकते हैं.
कुंभ- गणेश जी के आगे देसी घी का दीपक जलाएं और मोदक का भोग लगा सकते हैं.
मीन- रंग-बिरंगे फूलों का हार दूर्वा सहित गणेश जी को चढ़ा सकते हैं.
आषाढ़ मास में राशिनुसार करें उपाय, हर मनोकामना होगी पूरी