माघ के महीने में मनाए जाने वाले पर्व गणेश चतुर्थी को माघी गणेश चतुर्थी या माघी गणेश जयंती के नाम से जाना जाता है। अब इस साल माघी गणेश जयंती 15 फरवरी को मनाई जाने वाली है। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सर्वप्रथम गणेश तरंगें धरती पर आईं थीं। कहा जाता है गणेश जयंती पर उपवास रखा जाए तो जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। वैसे गणेश जयंती या विनायक चतुर्थी के दिन लाल रंग के वस्त्र, लाल फूल, और लाल चंदन को पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए। कहते है इस दिन सही विधि विधान और नियम के साथ भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से सारे विघ्न खत्म हो जाते हैं।
गणेश जयंती तिथि व शुभ मुहूर्त -
विनायक चतुर्थी- 15 फरवरी 2021
चतुर्थी तिथि 15 फरवरी को दोपहर 2 बजे से 16 फरवरी को 3 बजकर 35 मिनट तक रहने वाली है।
आइए बताते हैं गणेश जयंती पूजा विधि - गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश की मूर्ति या प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित करना चाहिए। उसके बाद पूजा शुरू करना चाहिए। ध्यान रहे इसके लिए सबसे पहले व्रत का संकल्प लें। अब भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करें। कहा जाता है इस दिन शाम के समय सूर्यास्त होने से पहले दोबारा स्नान करना चाहिए। उसके बाद भगवान गणेश की पूजा अर्चना करनी चाहिए। अंत में रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन रात के समय चंद्रमा की पूजा करें और उसके बाद फलाहार भोजन ग्रहण करें। कहते हैं भगवान गणेश को मोदक और लड्डू अच्छे लगते हैं इसी वजह से इनका ही भोग लगाए।
मंत्र - भगवाण गणेश की पूजा के दौरान ‘गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
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