गणेश जी भक्ति

गणेश जी भक्ति
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1- ‘’वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा’’

 

2- भक्ति गणपति, शक्ति गणपति

सिद्दी गणपति, लक्ष्मी गणपति

महा गणपति, देवो में श्रेष्ठ मेरे गणपति

 

3- सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,

तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी।

रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी

करो ऐसी कृपा नित करूं मैं पूजा तेरी।

 

4- भगवान श्री गणेश की कृपा,

बनी रहे आप हरदम

हर कार्य में सफलता मिले,

जीवन में न आये कोई गम।

 

5- सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,

तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी।

रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी

करो ऐसी कृपा नित करूं मैं पूजा तेरी।

 

6- गणपति बाप्पा मोरया।

रिद्धि-सिद्धि के तुम दाता,

दीन दुखियों के भाग्य विधाता।

जय गणपति देवा।

 

7- एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं। विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥

 

8- गणेश जी का रूप निराला है,

चेहरा भी कितना भोला-भाला है,

जिसे भी आती है कोई मुसीबत,

उसे इन्ही ने तो संभाला है।

 

9- आपका और खुशियों का जन्म-जन्म का साथ हो,

आपकी तरक्की की हर किसी की जुबां पर बात हो,

जब कोई मुसीबत आये तो गणेश हमेशा आपके साथ हो।

 

10- गणेश जी की ज्योति से नूर मिलता है,

सबके दिलों को सुरूर मिलता है,

जो भी जाता है गणेश जी के द्वार,

कुछ ना कुछ जरूर मिलता है।

 
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