आज गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में हम आपको बता दें कि गणेश जी का स्त्रोत. कहा जाता है गणेश स्तोत्र का पाठ हर संकट को आपसे दूर रखेगा. तो आइए आज हम आपको बताते हैं गणेश स्तोत्र. जिसका पाठ आप आज से शुरू कर दीजिये.
गणेश स्तोत्र -
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् .
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये..1..
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् .
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम्..2..
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च .
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्..3..
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् .
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन्..4..
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः .
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो..5..
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् .
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम्..6..
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते .
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः..7..
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते .
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः..8..
..इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम्..
कहा जाता है स्त्रोत का पाठ गणेश चतुर्थी से आरम्भ करना चाहिए और 10 दिन तक करना चाहिए. इसके पाठ से जीवन में सुख समृद्धि आती है और बड़े-बड़े लाभ होना शुरू हो जाते हैं. गणेश जी अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं और उनके आशीर्वाद से सभी काम चुटकियों में बन जाते हैं.
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