आप सभी को बता दें कि भगवान गणेश की पूजा करते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें हिन्दू धर्म में बुद्धिदाता व विघ्रहर्ता के रूप में पूजा जाता है और वह यह संदेश देते हैं कि शरीर, कर्म या धन की ताकत तब ज्यादा असरदार होती है, जब उनके साथ बुद्धि का सही तालमेल होता है. अब ऐसे में श्री गणेश के अनुकूल होने पर पूरा संसार अनुकूल होता है और सार भी यही कहता है कि बुद्धि का सही उपयोग ही सुखदायी व संकटमोचक होता है और ऐसा करने से लाभ भी होता है.
अब ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रहे हैं जिसे गणेश भगवान की पूजा करते समय बोलने से श्री गजानन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और वरदान दे देते हैं. कहा जाता है यह मंत्र गणेश गायत्री मंत्र के रूप में जाना जाता है और इसे बोलने से सभी परेशानी दूर हो जाती है. इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि गणेश जी का पूजन कैसे करना है. बुधवार के दिन या फिर किसी भी दिन स्नान के बाद भगवान गणेश को केसरिया चंदन, सिंदूर, अक्षत, दूर्वा के साथ मोदक का भोग लगाकर पीले आसन पर बैठ यथासंभव रुद्राक्ष या चंदन की माला से गणेश गायत्री मंत्र 108 बार बोला जा सकता है इससे लाभ होगा. अब आइए जानते हैं गणेश गायत्री मंत्र.
गणेश गायत्री मंत्र -
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती: प्रचोदयात्।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
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