देहरादून। यदि आप उत्तराखंड गए हों और यहां पर हरिद्वार में गंगा नदी में डुबकी लगाने या स्नान कर आपने अपने आपको यह माना हो कि आपके पाप धुल गए हैं। अब यहां का गंगा जल आप बोतलों में भरकर लाए हों और इसका उपयोग आचमन के लिए करने का आपका मन हो तो ज़रा सावधान हो जाईये। आपको यह जानकारी आश्चर्य में डाल देगी। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की यह रिपोर्ट जो जानकारी प्रदान करती है उससे आपको आश्चर्य होगा।
मिली जानकारी के अनुसार सूचना के अधिकार के सवाल में विभाग ने जवाब दिया और कहा कि हरिद्वार में जो गंगा नदी का पानी है वह पीने योग्य नहीं है। यह हर पैमाने पर असुरक्षित है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में गंगोत्री से लेकर हरिद्वार जिले तक 11 स्थानों पर जल की गुणवत्ता की जांच हेतु सैंपल प्राप्त किए गए।
इन सैंपल्स की जांच की गई। जिसे लेकर बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरएम भारद्वाज ने कहा कि गंगा नदी का पानी शुद्ध नहीं है। इस मामले में बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरएम भारद्वाज की बात मानें तो इस जल में काॅलिफाॅर्म व दूसरे जहरीले तत्व मिले। दरअसल इस जल का परीक्षण आॅक्सीजन, बायलाॅजिकल, आॅक्सीजन, तापमान आदि पैमाने पर किया गया। गौरतलब है कि विभिन्न धार्मिक अवसरों पर यहां बड़े पैमाने पर आस्थावान डुबकी लगाते हैं और पुण्यलाभ लेते हैं।
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