हर साल मनाई जाने वाली गंगा सप्तमी इस साल 8 मई को मनाई जाने वाली है। आप सभी जानते ही होंगे गंगा को माँ का दर्जा दिया जाता है और अनेक धर्मग्रंथों में गंगा नदी के महत्व का वर्णन देखने को मिलता है। ऐसे में ऐसी मान्यता है कि यह नदी हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है। वहीं वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मां गंगा (ganga nadi) स्वर्गलोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थी, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी या गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं गंगा सप्तमी के 4 शुभ मंत्र।
गंगा सप्तमी के 4 शुभ मंत्र-Ganga Saptami Mantra
1. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
2. ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
3. गंगागंगेति योब्रूयाद् योजनानां शतैरपि।
मच्यते सर्व पापेभ्यो विष्णुलोकं सगच्छति। तीर्थराजाय नम:
4. गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्।।
गंगा सप्तमी के दिन यदि गंगा नदी में जाकर स्नान करना संभव न भी हो तो गंगा जल की कुछ बूंदें साधारण जल में मिलाकर उससे स्नान करके पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। इसी के साथ ही गंगा सप्तमी पर इन मंत्रों का जाप करना लाभदायक और पुण्य फल देने वाला माना जाता है।
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